संदेश

सितंबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
चित्र
 हिंदुओं को लुभाने की कोशिश में ममता  गत वर्ष लोकसभा चुनाव में बंगाल की 42 सीटों में से भाजपा ने अभूतपूर्व 18 सीटों पर कब्जा किया था और तृणमूल कांग्रेस को 22 सीटें मिलीं थीं। नतीजों के बाद से ही राज्य में सत्ता परिवर्तन की हलचल मचनी शुरू हो गई थी। तृणमूल के कई नेताओं ने भाजपा का दामन भी थाम लिया। हालांकि वक्त गुजरने के साथ ही तृणमूल ने अपनी स्थिति को मजबूत किया और उपचुनावों में बेहतर प्रदर्शन किया। लेकिन अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में कांटे की टक्कर की संभावना जतायी जा रही है। तृणमूल के साथ अब चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी हैं। बताया जाता है कि पिछले कुछ महीनों से कमोबेश सभी सरकारी कदमों के संबंध में पीके(प्रशांत किशोर) सलाह दे रहे हैं।  अब तक ममता बनर्जी पर मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोप लगते रहे हैं। यह भी देखा गया है कि हिंदीभाषी इलाकों में भाजपा की पकड़ मजबूत रही है। लिहाजा अब स्थिति को बदलने के लिए ममता बनर्जी ने कमर कस ली है। ममता बनर्जी व राज्य सरकार की छवि को बदलने के लिए जम कर काम किया जा रहा है।  इस दिशा में गरीब सनातनी पंडितों को मासिक हजार रुपये के भत्ते की घोषणा की